हम भी आपके हुजूर , और हमारा रक्त भी

ये भी वक्त आपका है , आने वाला वक्त भी
हम भी आपके हुजूर , और हमारा रक्त भी

आपके है सारे बाँस, बाँसुरी भी आपकी
छातियाँ हमारी आपकी, छुरी भी आपकी
मार्लबोरो हार्ड जैसी , चिमनियाँ भी आपकी
ऐट लेन एक्सप्रेस , धमनियाँ भी आपकी
कस्बों के जवाँ रुखों पे, ये मुहाँसे मॉल के
हर गली में आपने , रखे हैं कुत्ते पाल के
हर अकेला है दब गया है , आपकी ही भीड़ में
आपका ही है रबर , हुज़ूर मेरी रीढ़ में
साम दाम दंड भेद , सारे वेद आपके
आसमां में जो भी हैं , वो सारे छेद आपके
जो हमारा है हुजूर , वो हुजूर आपका
मुँह हमारा आपकी ही , चप्पलों के नाप का

ये भी वक्त आपका है , आने वाला वक्त भी
हम भी आपके हुजूर , और हमारा रक्त भी

सभ्यता की खोज में , मिले सबूत आपका
संस्कृति को सींचता , रहा था मूत आपका
देह आपकी मिलेगी , रेशमी लिबास में
कुछ अघाए बर्तनों का , सेट होगा पास में
सभ्यता हो पूरी कैसे , आपके बिना मिले
हम तो आम है हमारी , गुठलियाँ ना मिलें
नाश हो जाएगा टूटी पसलियों का ढेर भी
फाँसी की लताओं से , लिपट के सूखे पेड़ भी
जर अजर में आप हों , दरबदर से हम मिलें
चर अचर में आप हों , और गटर में हम मिलें
लोग बोलें आप ख़ास , हम थे सत्यानास तो,
नंगे नाचते थे हम , अगर प्रभु उदास हों
बुद्धीजीवी चमड़ी , आपकी कृपा से पिंक थी
सारे न्यूज़ पेपरों में , आपकी ही इंक थी
एक्सीडेंट में हमारे , आप बैक सीट थे
हर चुनाव बाद देखी , आप वो ही पीठ थे

ये भी वक्त आपका है , आने वाला वक्त भी
हम भी आपके हुजूर , और हमारा रक्त भी